अररिया, अप्रैल 5 -- सिकटी। एक संवाददाता जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत सरकार जल संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलटा नजर आ रहा है। सिकटी प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली घाघी नदी आज अपने अस्तित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। प्रशासनिक उपेक्षा के कारण यह कभी किसानों के लिए संजीवनी साबित होने वाली नदी अब सूख चुकी है, वहीं बकरा नदी एक नाला का रूप धारण कर लिया है। बरसात के दिनों में बकरा व घाघी नदी काफी कहर बरपाती है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह नदी पूरी तरह समाप्त हो सकती है। कभी बकरा व घाघी नदी किसानों की फसल सिंचाई का मुख्य साधन हुआ करती थी। इस नदी का पानी आसपास के दर्जनों गांवों के खेतों तक पहुंचता था और उन्हें उपजाऊ बनाता था लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह नदी मार्च व अप्रैल माह में पूर...