संभल, सितम्बर 3 -- संभल। पिछले एक महीने से अधिक समय से सैदपुर, जसकोली और आसपास के कई गांवों में तेंदुए की खौफनाक दहशत छाई हुई है। सूरज ढलते ही गांव जैसे सिहर उठता है, दरवाज़े बंद हो जाते हैं, और गलियों में सन्नाटा पसर जाता है। गांववालों का कहना है कि तेंदुआ कई बार मवेशियों पर हमला कर चुका है, और अब इंसानों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बावजूद इसके, वन विभाग की नींद अभी तक नहीं टूटी है। अधिकारी पिंजरा लगाकर इत्मीनान से बैठ जाते हैं, जैसे तेंदुआ खुद चलकर उसमें घुस जाएगा। तेंदुए को पकड़ने के लिए न तो रात में गश्त की व्यवस्था है, न ही ट्रैकिंग टीम तैनात की गई है। न कैमरे, न बाड़, सिर्फ एक पिंजरा जो कई बार खाली ही रह जाता है। ऐसे में वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठना लाज़मी है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्व...