वाराणसी, अगस्त 1 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। वर्तमान परिवेश में समाज में सभी डरे हैं। असमंजस की स्थिति है। लोगों को लग रहा है कि जो कुछ भी है वह भी ना चला जाए। योग, यज्ञ, अनुष्ठान भी दूषित हो रहे हैं। इस संक्रमण काल में श्रीराम चरित मानस सबसे बड़ा गुरु और मित्र है। ये बातें संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहीं। वह गुरुवार को तुलसी घाट पर आयोजित दो दिवसीय तुलसी जयंती समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। प्रो.मिश्र ने कहा कि श्रीराम चरित मानस को जिसने भी अपने जीवन में उतार लिया उसे सब कुछ मिल जाएगा। कलिकाल में तुलसी का मानस ही प्रासंगिक है। पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य ने कहा कि दलित, उपेक्षित, अधिकार वंचितों के सबसे बड़े मित्र गोस्वामी तुलसी दास थे। उन्होंने राम को जन-जन में उतारा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय रा...