नई दिल्ली, अक्टूबर 8 -- कार्तिक मास में तुलसी स्रोत का पाठ बहुत फलदायी माना जाता है। वैसे तो इसे एकादशी और द्वादशी के दिन इसका पाठ बहुत फलदायी माना जाता है। पद्म पुराण में लिखा गया है कि जो इस तुलसीस्तोत्र का पाठ करता है, भगवान्‌ श्रीविष्णु उसके बत्तीस अपराध क्षमा करते हैें। आपने अपने जीवनकाल में जितने पाप किए होते हैं, वे सब तुलसी-स्तोत्र के पाठ से नष्ट हो जाते हैं । तुलसीके स्तोत्र से संतुष्ट होकर भगवान्‌ सुख और सौभाग्य देते हैं। जिस घर में तुलसी का स्तोत्र लिखा हुआ रहता है, उसका कभी अशुभ नहीं होता, उसका सब कुछ मंगलमय होता है। जो द्वादशीकी रात्रिमें जागरण करके तुलसी-स्तोत्रका पाठ करता है, उसे करोड़ों तीर्थों के सेवन का फल पा लेता है। श्री|तुलसी स्तोत्रम् || जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे। यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन...