गोड्डा, अगस्त 2 -- गोड्डा। संत कवि गोस्वामी तुलसी दास के पद्य और प्रेमचंद के गद्य विश्व धरोहर हैं। जहां अपनी रचना रामचरित मानस से तुलसी सनातन धर्मावलंबियों के हृदय में संत रूप में स्थापित हुए वहीं प्रेमचंद साहित्य में हिन्दुस्तान की आत्मा बसती है। उक्त आशय की बातें अनुमंडल पदाधिकारी बैद्यनाथ उरांव ने गुरुवार शाम स्थानीय विद्यापति भवन में आयोजित गोस्वामी तुलसी दास एवं कथा सम्राट प्रेमचंद जयंती समारोह के दौरान बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा। बतौर विशिष्ट अतिथि अपने संबोधन में जिला खेल एवं कला - संस्कृति पदाधिकारी डॉ. प्राण महतो ने कहा कि तुलसीकृत रामायण एक जीवन दर्शन है जो हमें श्रेष्ठ जीवन जीना सिखाती है जबकि प्रेमचंद के साहित्य एक आईना है जिसमे देश के ग्रामीण परिवेश की संपूर्ण झलक है। जोहार कलमकार मंच झारखंड की गोड्डा जिला शाखा द्वा...