सहारनपुर, सितम्बर 22 -- दिल्ली रोड स्थित रीजेंसी अपार्टमेंट में चल रही श्रीरामकथा के दौरान व्यासपीठ से आचार्य ज्ञानचंद्र द्विवेदी ने कहा कि कविकुल चूडामणि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस की रचना कर जनमानस पर अमूल्य उपकार किया है। यह ग्रंथ इतना अद्भुत है कि एक बालक भी इसे गुनगुना सकता है और बड़े-बड़े विद्वान भी इसके गूढ़ भावों में चकित रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं, माता के समान कोई गुरु नहीं, भगवान विष्णु के समान कोई देवता नहीं और श्रीरामकथा के समान कोई शास्त्र नहीं है। जो श्रद्धालुजन पवित्र मन से श्रीरामकथा का श्रवण करते हैं, वे भगवत्कृपा के अधिकारी बनते हैं और उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं। कथा व्यास ने बताया कि श्रीरामचरितमानस वास्तव में अयोध्या की अनादि रामकथा का सार है। इसकी रचना से पूर्व गोस्वामी तुलसी...