शाहजहांपुर, दिसम्बर 26 -- रोजा रेल हादसे में चार मौतों के बाद सेठपाल के घर में तीसरे दिन भी चूल्हा नहीं जला। विक्रमपुर चकौरा गांव में पसरा सन्नाटा हर किसी की आंखें नम कर रहा है। मंगलवार शाम हुए ट्रेन हादसे में सेठपाल, उनकी पत्नी पूजा, बेटी निधि और बेटे सूर्यांश की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बुधवार को चारों का अंतिम संस्कार हुआ। रिश्तेदारों के लौट जाने के बाद घर में सिर्फ खामोशी और आंसू रह गए। दुख इतना गहरा है कि परिवार के लोग खुद खाना बनाने की हालत में नहीं हैं। गुरुवार को भी घर में भोजन नहीं बना। आसपास के लोगों ने आगे बढ़कर पीड़ित परिवार के लिए नाश्ता और खाना पहुंचाया और ढांढस बंधाने की कोशिश की। लेकिन दर्द ऐसा है, जो किसी सहारे से कम नहीं हो रहा। सबसे मार्मिक दृश्य रात में सामने आया, जब सेठपाल की बड़ी बेटी परी ने अ...