गंगापार, जुलाई 7 -- मोहर्रम के दसवीं मौके पर रविवार को मांडा क्षेत्र के चकडीहा गांव निवासी शिवकुमार ने पारंपरिक ताजिया कर्बला इस्लामपुर पहुंचाकर अकीदत के साथ ताजियादारी की रस्म अदा की। शिवकुमार तीसरी पीढ़ी के ताजियादार हैं, जो अपने पूर्वजों की आस्था और परंपरा को पूरी श्रद्धा से निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह परंपरा उनके दादा स्वर्गीय रामनाथ यादव द्वारा लगभग 50 वर्ष पहले शुरू की गई थी। उसके बाद उनके पिता स्व. माता प्रसाद यादव ने इसे आगे बढ़ाया और अब वह स्वयं इस परंपरा को निभा रहे हैं। ताजिया कर्बला पहुंचाकर उन्होंने विधिविधान से पूजा-अर्चना की और फिर ताजिया के साथ घर लौट आए। शिवकुमार ने कहा, यह ताजियादारी हमारे परिवार के लिए सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और आपसी भाईचारे का प्रतीक है। जब तक जीवन है, इसे निभाता रहूंगा।

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