हापुड़, जुलाई 4 -- महाभारत कालीन सहदेव की तपोस्थली रही सैदपुर गांव के जंगल में मंदिर पर एक साधू ने तपती गर्मी में 41 दिनों तक सूर्य को एकटक निहारा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि पारा 44 डिग्री तक पहुंचने के बाद भी यह संत सूरज के नीचे बैठे रहे और उसको देखते रहे। दो बार पूरे शरीर पर छाले पड़े परंतु 41 दिन की तपस्या पूरी करने के बाद ही एक जुलाई को मंदिर पर भंड़ारा किया गया है। यह गांव गढ़मुक्तेश्वर तहसील का सैदपुर है। जो हैदरपुर गांव का माजरा भी कहलाता है। हालांकि 5 साल पहले यह गांव झड़ीना में शामिल था। झड़ीना और सैदपुर के जंगल को महाभारत काल में पांड़वों का माना जाता है। लोगों का कहना है कि सहदेव ने यहां आकर तपस्या की थी, तो इसका नाम सहदेवपुर था। जिसको अब सैदपुर कर दिया गया है। सैदपुर में तपेस्वरी मंदिर है। इस मंदिर का नाम तपेस्वरी हैं, क्योंकि...
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