सहारनपुर, अगस्त 9 -- जैन धर्म के 11वें तीर्थंकर भगवान श्रेयांसनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव जैन समाज द्वारा शनिवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में जैन मंदिरों में इंद्रों द्वारा श्रीजी का अभिषेक कर शांतिधारा की गई। श्री दिगंबर जैन मंदिर सरागवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य अरुण सागर महाराज ने बताया कि भगवान श्रेयांसनाथ ने संसार के ऋतु परिवर्तन के चक्र को देखकर वैराग्य प्राप्त किया। जैन इतिहास में उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान और जैन भिक्षा के पहले कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है। जब उन्होंने भगवान ऋषभदेव को गन्ने के रस (इक्षु रस) की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि जैन धर्म में रक्षाबंधन पर्व का इतिहास हस्तिनापुर से जुड़ा हुआ है। कहा कि इस दिन हमें यह सीख मिलती है कि हमें आपस में प्रेम से रहने के साथ-साथ सधर्मी की सदैव रक्षा करनी च...