पटना, अप्रैल 25 -- पटना हाई कोर्ट ने आयकर करदाताओं के पक्ष में एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने अनुचित रूप से तीन साल बाद फिर से कर निर्धारण किए जाने को लेकर फैसला दिया है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद और न्यायमूर्ति अशोक पांडेय की खंडपीठ ने मामले पर कहा कि ऐसे में टैक्स अधिकारी इनकम टैक्स एक्ट की धारा-149 को नजरअंदाज नहीं कर सकते। कृत्रिम रूप से रकम को ज्यादा दिखा कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। आवेदक की ओर से अधिवक्ता अक्षत अग्रवाल का कहना था कि तीन वर्ष के बाद पुनः कर निर्धारण के लिए इनकम का निर्धारण 50 लाख से ज्यादा का होना चाहिए। कर अधिकारी पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू करते समय धारा-149 के तहत निर्धारित सीमा अवधि को दरकिनार करने के लिए राशि को कृत्रिम रूप से नहीं बढ़ा सकते हैं। तीन वर्ष से अधिक समय के बाद पुनर्मूल्यांकन के लिए, वास्तव में...