देवघर, जून 22 -- देवघर, प्रतिनिधि। गरीबी और सिस्टम की बेरुखी की दिल दहला देने वाला दृश्य शनिवार शाम सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के सामने देखने को मिला, जहां एक पिता अपने तीन वर्षीय बेटे रॉबोट कुमार का शव कंधे पर लिए एक घंटे तक शवगृह के सामने बैठा रहा। वजह उसके पास शव घर या श्मशान घाट तक ले जाने के लिए गाड़ी का किराया देने तक के पैसे नहीं थे। मृतक बालक रिखिया थाना के बीचगढ़ा गांव निवासी योगेंद्र यादव का बेटा था, जिसकी मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद जब शव पिता को सौंपा गया, तो एक पुलिसकर्मी ने कहा कि शव टोटो से घर ले जाओ। लेकिन पिता योगेंद्र यादव के पास एक रुपया तक नहीं था। टोटो चालकों ने शव घर तक पहुंचाने के लिए 700 रुपये मांगे, जिसे देने की उसकी क्षमता नहीं थी। मजबूरन बेटे का शव कंधे पर उठाकर एक किनारे बै...