नोएडा, अक्टूबर 16 -- नोएडा, प्रमुख संवाददाता। बाल चिकित्सा एवं स्नातकोत्तर संस्थान के आनुवांशिक विभाग में टर्नर सिंड्रोम से पीड़ित एक तीन वर्षीय बच्ची का इलाज चल रहा है। जांच के बाद बच्ची में इस आनुवांशिक बीमारी की जानकारी हुई। यह बीमारी सिर्फ महिलाओं में होती है। बीमारी का पता सही समय पर नहीं होने से बांझपन, छोटा कद, सहित कई चिकित्सकीय जटिलता हो सकती है। चाइल्ड पीजीआई के डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज शुरू कर दिया है। आनुवांशिक रोग के डॉ. मयंक निलय ने बताया कि संस्थान में आनुवांशिक बीमारियों से संबंधित जांच की सुविधा शुरू होने से मरीजों को काफी लाभ मिला है। संस्थान के निदेशक डॉ. एके सिंह ने बताया कि सुविधा शुरू होने के बाद से 20 बच्चों की आनुवांशिक बीमारियों से संबंधित जांच हुई है। भविष्य में ये सुविधाएं मरीजों को मिलती रहेगी, जिससे सटीक इलाज...