चतरा, सितम्बर 24 -- संतोष केसरी इटखोरी। सनातन, बौद्ध एवं जैन धर्म का समागम स्थल तीन धर्मो के संगम स्थली पवित्र मुहाने व बक्सा नदी के संगम पर अवस्थित इटखोरी का मां भद्रकाली मंदिर में माता भद्रकाली भद्र रूप में विराजमान है । शक्तिपीठ माता भद्रकाली वैष्णवी है माता की आराधना केवल फलाहार व नारियल पर की जाती है । मां भद्रकाली की प्रतिमा कीमती काले पत्थर को तराश कर बनाई गई है। करीब पांच फुट ऊंची आदमकद प्रतिमा चतुर्भुज है। प्रतिमा के चरणों के नीचे ब्राम्ही लिपि में अंकित है कि प्रतिमा का निर्माण नौवीं शताब्दी काल में राजा महेंद्र पाल द्वितीय ने कराया था। मंदिर परिसर में ही एक प्राचीन कनुनिया माई का मंदिर है। एक शिला में सूरज, चांद के साथ त्रिशुल उत्कीर्ण है। इसी शिला में नर व नारी की भी प्रतिमा उत्कीर्ण है। पुरातत्व विभाग इसे सती स्तंभ बताता है। ...