एटा, अप्रैल 21 -- इंडियन ट्राइबल सोसाइटी कम्युनिकेशन सिस्टम रिसर्च सेंटर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र रावत ने कहा कि अब ग्लोबल वार्मिंग केवल पर्यावरण, सेहत के लिए ही खतरा नहीं रह गयी है। अब धरती चार डिग्री सेल्सियस गर्म होती है तो दुनिया को 40 फीसदी गरीबी में बढ़ोतरी का सामना करना होगा। यह लोगों की व्यक्तिगत संपत्ति के लिए भी बड़ा खतरा है। उन्होंने बताया कि पहले के अनुमानों की तुलना में चार गुणा ज्यादा नुकसान है। इसकी मार से ठंडे देश भी नहीं बच सकेंगे। यह स्थिति तब है जबकि बीते तीन दशकों में धरती की तीन चौथाई जमीन शुष्क हो चुकी है। इसे कृषि उत्पादन में गिरावट आएगी। उद्योग-धंधों पर असर पड़ेगा। ऊर्जा संकट और स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च बढ़ेगा। प्राकृतिक आपदाओं से बीमा प्रीमियम और वैश्विक व्यापार पर व्यापक असर पड़ेगा। अगर धरती को बचाना...