गिरडीह, जून 15 -- संजीत सिन्हा, तिसरी। बड़े नेता, अफसर और अन्य अतिथियों के ठहरने के लिए तिसरी में लाखों की लागत से बनाया गया वन विश्रामागार भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। उक्त भवन की दीवारों पर पड़ी दरारें और झाड़ियों से लिपटी चहारदीवारी व भवन इसकी बदहाली को बखूबी बयां कर रहा है। लेकिन न तो वन विभाग इसकी सुध ले रहा है और न ही यहां के जन प्रतिनिधियों की ही नजर इस ओर है। जिससे तिसरी की एक पहचान व धरोहर मिटने के कगार पर है। बता दें कि तिसरी के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में 2001-02 ई. में तिसरी के पुराने प्रखड कार्यालय भवन के पीछे पहाड़ पर बहुत ही खूबसूरत और आलीशान वन विश्रामागर भवन बनवाने का काम किया था। ताकि तिसरी की रौनक बढ़ सके और यहां आनेवाले नेता, अफसर और अतिथिगण इस भवन में ठहर सके। इसी नीयत स...
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