गुमला, अगस्त 14 -- चैनपुर, प्रतिनिधि। जिले के चैनपुर प्रखंड मुख्यालय से 24 किमी दूर आदिम जनजाति बहुल तिलवारी पाठ गांव आज भी बिजली,पानी, सड़क और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। 12 साल पहले गांव में पोल और तार तो लगाए गए थे, लेकिन बिजली केवल दो दिन के लिए आई थी। इसके बाद से वे ढिबरी की रोशनी में रात बिताने को मजबूर हैं। गांव में पानी की भी गंभीर समस्या है। दो जलमीनार और नल-जल योजना के तहत नल तो बिछाए गए,लेकिन एक दिन भी पानी नहीं आया। जलमीनार पिछले दो साल से खराब पड़े हैं। जिससे ग्रामीणों को एक किमी दूर से पानी लाना पड़ता है। राशन के लिए ग्रामीणों को 8 किमी दूर मालम पंचायत भवन जाना पड़ता है। सड़क की दुर्दशा के कारण आवाजाही में भारी कठिनाई होती है। असड़ा असूर, बुटना कोरवा, काढ़े असुर, सोमरा असुर, सुखनी असुराइन, सुमि कोरवाईन,अशोक असुर ...
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