मुजफ्फरपुर, मई 5 -- मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। ताल तलैयों के सूखने का असर भले ही मछली उत्पादन पर नहीं पड़ रहा है, लेकिन मछली बीज उत्पादन पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। यही कारण है कि तिरहुत के सभी जिलों में मछली उत्पादन बढ़ने के बावजूद मछली बीज उत्पादन में तेजी से कमी आई है। पिछले चार सालों में मछली उत्पादन जहां 17 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, वहीं मछली बीज उत्पादन में लगभग दोगुनी दर यानि की 33.17 प्रतिशत की दर से गिरावट आई है। इसके पीछे जल संसाधन और मछली उत्पादन से जुड़े लोग और विशेषज्ञ कम बारिश के कारण सूखते जा रहे ताल तलैयों को मान रहे हैं। इसके अलावा मछली बीज उत्पादन के क्षेत्र में कम मुनाफा भी निवेशकों को इससे दूर कर रहा है। तीसरा महत्वपूर्ण कारण जल प्रदूषण को भी बताया जा रहा है। संयुक्त कृषि निदेशक के कार्यालय से मिले आंकड़ों के अन...
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