भभुआ, फरवरी 24 -- बोले कृषि वैज्ञानिक, पोटेशियम नाइट्रेट 0.5% को पांच ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर 15 दिन पर दो बार छिड़काव करें गेहूं का उत्पादन कम हुआ तो जिले में उत्पन्न हों सकता है खाद्य संकट फरवरी माह में मौसम का मिजाज गड़बड़ाने से कैमूर के किसान चिंतित 87 हजार हेक्टेयर भूमि में हुई है गेहूं की खेती भभुआ, कार्यालय संवाददाता। फरवरी माह में मौसम का मिजाज बिगड़ने लगा है। तापमान में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। बढ़ते तापमान को देख कृषि वैज्ञानिक भी गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की बात कहने लगे हैं। उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ती गर्मी से गेहूं के उत्पादन में कमी आ सकती है। कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक बढ़ती गर्मी और पानी की कमी के चलते आने वाले समय में गेहूं उत्पादकों के समक्ष मुश्किल खड़ी हो सकती है। कैमूर के लिए धान-गेहूं की ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.