सिद्धार्थ, मार्च 20 -- इटवा, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के बेलहसा पाली गांव में स्थित कारेश्वर नाथ मंदिर पर चल रहे सात दिवसीय विष्णु महायज्ञ के तीसरे दिन मंगलवार की रात कलाकारों ने ताड़का वध का मनोरम मंचन किया। इसे देख श्रद्धालु रोमांचित हो उठे। कलाकारों ने दिखाया कि भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण व गुरु विश्वामित्र के साथ मिथलापुरी जा रहे थे। रास्ते में निर्जन स्थान पर बड़े और भयानक पद चिन्ह देखकर उन्होंने गुरु से पूछा कि गुरुदेव यह स्थान तो बड़ा ही भयावह प्रतीत होता है। निर्जन वन में ये विशाल पदचिन्ह किसके हैं, तब गुरुदेव ने बताया कि छह कोस तक फैले इस निर्जन स्थान पर केवल राक्षसी ताड़का का ही अधिकार है। यह ताड़का वन कहलाता है। यहां आने वाले किसी भी मनुष्य को वह जीवित नहीं लौटने देती। गुरु विश्वामित्र ने बताया कि ताड़का सुकेतु यक्ष की पुत्री...