नई दिल्ली, जुलाई 22 -- एंटोनियो गुटेरस, संयुक्त राष्ट्र महासचिव आग की खोज से लेकर भाप की ताकत के दोहन और परमाणु-विखंडन की शक्ति को समझने तक, ऊर्जा ने सदियों से मानव सभ्यता की दिशा तय की है। आज हम ऐसे नए युग की दहलीज पर खड़े हैं, जहां अक्षय ऊर्जा का सूरज उदित हो रहा है। पिछले वर्ष जो भी नई बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ी, वह पूरी तरह नवीकरणीय स्रोतों से आई। इस अवधि में अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़कर 2,000 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो जीवाश्म ईंधनों में हुए निवेश से 800 अरब डॉलर अधिक था। आज सौर और पवन ऊर्जा पृथ्वी पर सबसे सस्ते ऊर्जा स्रोत बन चुके हैं। ये न केवल रोजगार पैदा कर रहे हैं, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति और मानव प्रगति को शक्ति दे रहे हैं। हालांकि, जीवाश्म ईंधनों को अब भी अधिक सब्सिडी दी जा रही है। वे देश, जो अब भी ऊर्जा-जरूरतों के लिए जीवाश्...