कानपुर, मई 19 -- कानपुर देहात, संवाददाता। असालतगंज के जंगल में डेरा जमाए दुर्लभ प्रजाति के काले व चित्तीदार हिरण गर्मी में भूख प्यास से बेहाल हैं। इन हिरणों के संरक्षण के लिए तैयार की गई कार्य योजना दो साल बाद भी फाइलों से बाहर नहीं आ सकी। इसे अभी तक शासन की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। सुरक्षा की अनदेखी से यह दुर्लभ हिरण कुत्तों के हमले के साथ बेलगाम शिकारियो का भी निशाना बन रहे हैं।गर्मी में पानी व चारे की तलाश में निकलने वाले इन हिरणों को खतरा अधिक बढ़ जाता है । रसूलाबाद तहसील क्षेत्र के असलतगंज का यह जंगल बिल्हौर - रसूलाबाद मार्ग के समानांतर 6 किमी लंबाई में 173 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है।इस वन की 80 हेक्टेयर भूमि में विलायती बबूल खड़े है। जंगल में दुर्लभ काले व चित्तीदार 250 हिरणों का कुनबा डेरा जमाए हुए है। इन हिरणों को नर्म घास अ...