रांची, मई 5 -- झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि तलाक के लिए परित्याग को शारीरिक अलगाव के आधार पर साबित नहीं किया जा सकता। परित्याग तब माना जाएगा,जब किसी पति या पत्नी का इरादा स्थायी रूप से वैवाहिक संबंध खत्म करने का हो,न कि सिर्फ शारीरिक अलगाव हो। इसके साथ ही जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने पुलस अधिकारी अरुण कुमार की याचिका खारिज कर दी। यह मामला पुलिस अधिकारी अरुण कुमार द्वारा अपनी पत्नी से तलाक की याचिका दायर करने से जुड़ा था। उन्होंने अपनी पत्नी पर क्रूरता और परित्याग के आरोप लगाए थे और तलाक की मांग की थी। उनका आरोप था कि उनकी पत्नी ने 2016 में उन्हें छोड़ दिया था और वैवाहिक संबंधों को फिर से शुरू नहीं किया। वहीं, पत्नी ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह अभी भी पति के घर में अपने बच्...
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