नई दिल्ली, अप्रैल 2 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता तलाक के बाद मुस्लिम महिला को एकमुश्त गुजारा भत्ता देने से जुड़े मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे को न्याय मित्र नियुक्त करते हुए, उनके अदालत की सहायता करने का आग्रह किया है। शीर्ष अदालत उस कानूनी सवाल पर सुनवाई कर रही है कि 'क्या परिवार अदालत मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम, 1939 के तहत एक मुस्लिम महिला को स्थायी गुजारा भत्ता दे सकता है और क्या महिला के पुनर्विवाह पर इस तरह के स्थायी गुजारा भत्ते के आदेश को संशोधित किया जा सकता है? जस्टिस संजय करोल और पीके मिश्रा की पीठ ने गुजरात उच्च न्यायालय के 19 मार्च, 2020 के फैसले के खिलाफ तारिफ रशीदभाई कुरैशी की अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। पीठ ने कहा है कि अपील में जो मुद्दे उठाए गए हैं, वह कानूनी महत्व क...