नई दिल्ली, नवम्बर 20 -- संविधान पीठ ने कहा कि तमिलनाडु सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ के फैसले के कुछ पैराग्राफ, जिनमें राष्ट्रपति और राज्यपाल के लिए अनुच्छेद 200/201 के तहत विधेयक को मंजूरी देने के लिए समय-सीमा तय की गई थी, वह गलत हैं। तमिलनाडु सरकार के मामले में दो जजों की पीठ ने कहा था कि राज्यपाल ने दोबारा पास किए विधेयकों को राष्ट्रपति के लिए आरक्षित करके गलत नीयत से काम किया, इसलिए, कोर्ट ने उन विधेयकों को अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल करके स्वत: मंजूर माना गया था। संविधान पीठ ने कहा कि हमें यह साफ करना होगा कि तमिलनाडु मामले में दिए गए फैसले के पैराग्राफ 260-261, जो अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल पर काम करने के लिए समय सीमा तय करते हैं, गलत हैं। पीठ ने कहा कि यह साफ किया जाता है कि अनुच्छेद-201 के तहत राष्ट्रपति पर लाग...
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