नई दिल्ली, मई 2 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्राधिकारियों से कहा कि वे कथित तौर पर वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी यहां रह रहे एक परिवार के छह सदस्यों के खिलाफ पाकिस्तान वापस भेजने जैसी कोई दंडात्मक कार्रवाई तब तक न करें जब तक उनके पहचान पत्रों के सत्यापन पर आदेश नहीं आ जाता। इससे परिवार को थोड़ी राहत मिल गई है। सरकार के आदेश के बाद परिवार को पाकिस्तान भेजा जा रहा था और उन्हें इसके लिए वाघा बॉर्डर पर भी ले जाया गया था। इस परिवार के सदस्य कश्मीर के निवासी हैं और उनका बेटा बेंगलुरु में काम करता है। पहलगाम में आतंकवादी हमले के मद्देनजर उन्हें पाकिस्तान भेजा जा सकता है। पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि यह मामला मानवीय पहलू से जुड़ा है। उसने परिवार को यह छूट दी...
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