वाराणसी, जून 22 -- वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। निरंकारी ज्ञान प्रचारिका डॉ. प्रवीण खुल्लर ने कहा कि यहां हजारों की संख्या में हम सब बैठे हैं। ये हजारों शरीर हैं मगर इनमें हजारों आत्माएं नहीं हैं। सबमें एक ही आत्मा है। क्योंकि आत्मा ही परमात्मा है और परमात्मा एक ही है। उन्होंने कहा कि महिलाएं तप-त्याग की मूर्ति होती हैं। वह मलदहिया स्थित निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को जोनस्तरीय निरंकारी महिला संत समागम में प्रवचन कर रही थीं। दिल्ली से आईं केंद्रीय प्रचारिका डॉ. प्रवीण खुल्लर ने कहा कि महिलाएं भले ही रिश्ते में मां, बहन, बेटी, देवरानी या जेठानी आदि हों पर निरंकारी परिवार में तो इनका रिश्ता सद्गुरु के गुरसिख का होता है। हमें चिन्ता से दूर रहकर सभी आश्रमों के सरताज गृहस्थ आश्रम की सभी ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए घर को गुरमत के माध्यम से स...