नई दिल्ली, जून 20 -- बी के एस अयंगर, विख्यात योगगुरु आमतौर पर पचास या साठ की उम्र तक आपको कोई समस्या नहीं आती है। उसके बाद असली समस्या तब होती है, जब शरीर के ऊतक भार सहन नहीं कर पाते। मैं जो अभ्यास अब करता हूं, वह उससे कहीं ज्यादा कठिन है, जो मैं युवा होने पर करता था या सीखने के लिए संघर्ष करता था। हालांकि, आज मैं उन अभ्यासों को बहुत कठिन नहीं मानता। हालांकि, मैं तब प्रतिदिन दस घंटे अभ्यास करता था। आज यह शरीर और मन के बीच एक बड़ी लड़ाई है। शरीर कहता है, मैं यह नहीं कर सकता। मन कहता है, मुझ पर दबाव मत डालो। मेरा विश्वास करें, एक निश्चित उम्र के बाद आसन और प्राणायाम का अभ्यास बहुत कठिन हो जाता है। हड्डियां भंगुर हो जाती हैं। रक्त वाहिकाएं सख्त हो जाती हैं। ये सभी ज्ञात तथ्य हैं। मैं इनका शिकार नहीं बनना चाहता। अगर मैं शरीर की इच्छा के आगे स...