रामपुर, अप्रैल 25 -- खाकीधारी डिप्रेशन में हैं..., काम के बोझ के बीच अपनों से मन-मुटाव और कलह आत्महत्या की वजह बन रही है। एक्सपर्ट की मानें तो पुलिस वालों के लिए बेहतर माहौल देने की जरूरत है। हैप्पीनेस कार्यशालाएं आयोजित कर तनाव मुक्त किया जा सकता है। इससे जहां एक ओर उनका काम में मन लगेगा, वहीं आत्मघाती कदम नहीं उठाएंगे। आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्थिति यहां तक बदहाल हो चुकी है कि दूसरों की जिंदगी बचाने वाले खाकी वर्दीधारी भी जीवन से मायूस होकर मौत को गले लगा रहे हैं। इसके पीछे किसी की पारिवारिक कलह रही है तो किसी की नौकरी में बढ़ता तनाव, साथियों के आरोप-प्रत्यारोप तो किसी पर अनुचित दवाब...। बीते कुछ समय में मंडल भर में एक के बाद इस तरह की घटनाएं सामने आयी हैं। गुरुवार को गंज कोतवाली में एक सिपाही ने दरोगा की पिस्टल से खुद को ग...