गोरखपुर, मार्च 18 -- गोरखपुर, मुख्य संवाददाता दिल्ली जाने के लिए आरक्षण केन्द्र पर लगातार दो रातें गुजारने के बाद भी आलोक और दुर्गेश को कंफर्म सीट नहीं मिली। दोनों ने सोमवार को भी धर्मशाला स्थित आरक्षण केन्द्र पर कोशिश की लेकिन उनके हाथ वेटिंग टिकट ही आया। यही, ऋषभ, शिवम और विजय का भी रहा। कई बार के प्रयास के बाद भी जब इन्हें सीट नहीं मिली तो सभी ने रेलवे की व्यवस्था को जमकर कोसा और वापस लौट गए। हैरान करने वाली बात यह है कि महज 72 सेकेंड में ही तत्काल कोटे की सभी सीटें गायब हो जा रही हैं। लाइन में लगे दूसरे यात्री के हाथ प्रतीक्षा सूची का टिकट ही आ रहा है। एक अदद सीट पाने के लिए यात्री एक दिन पहले से ही रात में लाइन लगाना शुरू कर दे रहे हैं। रात में जुटे यात्री एक पर्चे पर क्रम से नाम लिखकर सुबह की तत्काल कोटे की लाइन लगाते हैं। लाइन में ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.