सहरसा, जुलाई 19 -- सहरसा, हिन्दुस्तान संवाददाता। तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा प्रोन्नति के नाम पर करोड़ो की उगाही को लेकर अधिवक्ता विपिन कुमार सिंह ने वर्तमान आरडीडीई को आवेदन दिया है। आवेदन में कहा कि तत्कालीन डीईओ आरडीडीई के प्रभार में रहते नियम के विपरीत फर्जी ढंग से त्रुटिपूर्ण वरीयता सूची का निर्माण किया गया। रिक्ति उपलब्ध नहीं रहने के बावजूद भी भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति दी गई है। ज्ञातव्य हो कि शिक्षक प्रोन्नति नियमवली 1993 में वरीयता का निर्धारण शिक्षक के प्रशिक्षण तिथि से निर्धारित होती है। नियुक्ति तिथि से प्रोन्नति प्राप्त शिक्षक 2005 से प्रशिक्षित है। परन्तु उच्चतर योग्यता को आधार मानते हुए इन्हे नियुक्ति तिथि (वर्ष-1994) से प्रोन्निति देते हुए अराइर का भी भुगतान किया गया है जो अवैध है। उन्होंने कहा कि 38 जिलों म...