बाराबंकी, नवम्बर 20 -- फतेहपुर। बरामदे में रखी ब्लैक एंड व्हाइट टीवी के सामने टकटकी लगाए मोहल्ले के लोग हो या गांव की चौपालों में डटे ग्रामीणों की भीड़। इस दौरान बीच-बीच में छत पर एंटीना का एंगल दुरुस्त करते युवकों द्वारा बार बार पूछे जाना सवाल अब ठीक हुआ...। 80 के दशक में टीवी के जरिए घरों व समाज को जोड़ने वाला यह नजारा आज भी बहुतों को याद होगा। घरों में रामायण व महाभारत का प्रसारण मानों समय थाम देता था। ब्रेक के बीच बंटने वाली चाय बिस्किट समरसता की मिसाल बन जाती थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने टीवी के महत्व और इसे संचार तथा वैश्विक शिक्षा का प्रतीक मानते हुए 21 नवम्बर 1996 को विश्व टेलीविजन दिवस घोषित किया था। देश में वर्ष 1972 में मुंबई व अमृतसर से शुरू हुआ टीवी का सफर 1980 तक देश के अधिकांश हिस्सों में पहुंच गया। वर्ष 1982 में कलर्ड टीवी ...
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