सिमडेगा, दिसम्बर 26 -- सिमडेगा। डिजीटल युग में तकनीक ने जीवन को आसान बना दिया है। लेकिन इसके कुछ प्रयोग ने चिंता भी बढ़ा दी है। जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों में अब मछली पकड़ने का तरीका तेजी से बदल रहा है। जाल और अन्य पारंपरिक उपायों को पीछे छोड़ ग्रामीण अब जनरेटर, बैट्री और सौर ऊर्जा से करंट प्रवाहित कर मछली पकड़ने लगे हैं। ग्रामीण नदी-नालों में दो लंबे तार डालकर बिजली प्रवाहित करते हैं। करंट के संपर्क में आते ही मछलियां कुछ देर के लिए बेहोश होकर पानी की सतह पर आ जाती हैं। जिन्हें आसानी से पकड़ लिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे कम समय में अधिक मछली मिल जाती है और मेहनत भी घटती है। हालांकि यह तरीका ग्रामीणों को आधुनिक और कारगर लग रहा है। लेकिन इससे जलीय जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन पर असर पड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकत...