बरेली, दिसम्बर 7 -- एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन शनिवार को हुआ। समन्वयक डॉ. मीनाक्षी द्विवेदी ने बताया कि संगोष्ठी में 170 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए। प्रतभागियों ने कहा कि भविष्य की शिक्षा में तकनीक महत्वपूर्ण होगी, परंतु मानवीय मूल्य हमेशा सर्वोपरि रहेंगे और शिक्षक की भूमिका कभी समाप्त नहीं होगी। विशेष वक्ता प्रो. तूलिका सक्सेना ने कहा कि तकनीक के साथ-साथ संवेदनशीलता, नैतिक जिम्मेदारी और नवाचार का संतुलन आवश्यक है। उन्होंने ईक्यू, आईक्यू, और डीक्यू के संतुलित विकास पर जोर दिया। प्रो. आलोक श्रीवास्तव ने शोध में एआई के बढ़ते उपयोग पर सावधानी और समझदारी की सलाह दी। प्रो. मनोज सक्सेना ने कहा कि तकनीकी युग में विद्यार्थी पुस्तकों से दूर होते जा रहे हैं, जिससे सार्थक शोध प्रभावित ह...