प्रयागराज, मार्च 12 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनमाने ढंग से स्टाम्प ड्यूटी रिफंड रोकने का आदेश खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि तकनीकी अड़चनें वैध अधिकार छीन नहीं सकतीं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार संशोधित नियमों का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति के वैध वित्तीय अधिकार को समाप्त नहीं कर सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने सीमा पडालिया व अन्य बनाम की याचिका पर अधिवक्ता राहुल सहाय एवं सौमित्र आनंद और राज्य सरकार के वकील को सुनकर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए मामले में पुनर्विचार का निर्देश दिया है। अधिवक्ता द्वय ने कोर्ट को बताया कि याचियों ने वर्ष 2015 में 4,37,000 रुपये मूल्य के स्टाम्प पेपर खरीदे थे। ये स्टाम्प पेपर नोएडा और मेसर्स एजीसी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के...