रांची, मई 29 -- रांची। पारिवारिक, सामाजिक व प्रशासनिक दबावों के बीच कार्य करते हुए मानव असंतोष, तनाव और कुंठा से घिरा हुआ है। कुछ लोग इससे मुक्त होने के लिए बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, शराब आदि का प्रयोग करते हैं। लेकिन वास्तव में तनाव का इलाज तम्बाकू व सिगरेट नहीं है। ये उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केन्द्र चौधरी बगान, हरमू रोड में उपस्थित सुमन चन्द्र गर्ग, पूर्व डीजीजीएम नाबार्ड ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बचपन में भी कई बच्चे बुरी संगति के कारण इस लत के शिकार हो जाते हैं। इसका जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को इस लत को छोड़ सात्विक कार्य में मन लगाना चाहिए। ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा विडंबना इस बात की है कि आजाद भारत के लोग अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गए, लेकिन उन...