हरिद्वार, नवम्बर 6 -- धार्मिक संस्था मिश्री मठ में चल रहे पंचदिवसीय पूर्णिमा एवं देवभूमि रजत महोत्सव के तीसरे दिन रविन्द्र पुरी ने करौली शंकर महादेव धाम के अनुयायियों को संबोधित कर कहा कि तंत्र-मंत्र, ध्यान, योग और साधना ही वह मार्ग हैं जिनसे मनुष्य रोग, शोक और पितृ दोषों से मुक्त होकर जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है। इस दौरान संत समागम और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर देशभर से आए संतों, महात्माओं और साधकों की मौजूदगी में आध्यात्मिक वातावरण और भक्ति भाव का अद्भुत संगम देखने को मिला।

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