नई दिल्ली, जुलाई 21 -- उत्तराखंड में हाल के वर्षों में जबरन धर्मांतरण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बीते ढाई साल की तुलना इससे पहले के तीन सालों से करें तो संख्या करीब चार गुना बढ़ गई है। नया कानून और इसके बाद बढ़ी सजगता भी केस बढ़ने का कारण माना जा रहा है। वर्ष 2020 से 2022 तक तीन वर्षों में उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण से जुड़े 11 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2023 से जुलाई 2025 तक ढाई साल की अवधि में ऐसे मुकदमों की संख्या बढ़कर 42 हो गई। जो पिछले तीन वर्षों की तुलना में चार गुना के करीब है। 2018 में उत्तराखंड सरकार ने जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून को मंजूरी दी। वर्ष 2022 के आखिर में इसमें संशोधन कर इसे और सख्त बनाया गया। जिसमें जबरन धर्मांतरण के लिए 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। नए कानून के लागू होने के बाद 2023 से धर्मांतरण क...
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