प्रयागराज, सितम्बर 21 -- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क को बढ़ाकर $100,000 (लगभग 88 लाख) करने के फैसले ने भारतीय आईटी उद्योग और पेशेवरों के बीच चिंता बढ़ा दी है। इस फैसले पर राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने इसे इंडियन टैलेंट पर एक सीधा हमला बताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और डॉक्टरों को वीजा के रेनोवेशन पर कई गुना अधिक फीस चुकानी पड़ेगी। प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार की विदेश नीति को 'अनुभवहीन' करार दिया और कहा कि यह कदम भारतीय युवाओं के भविष्य को संकट में डाल रहा है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन का 'रिटर्न गिफ्ट' है, और भाजपा नेताओं को पाकिस्तान से अपने पुराने संबंधों को याद रखना चाहिए। बता दे कि यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत ...