प्रयागराज, मई 10 -- लोक संदर्भ संस्था की ओर से शनिवार को भरद्वाजपुरम में पुस्तक परिचर्चा हुई। अतिथियों ने गीतकार डॉ. वीरेन्द्र तिवारी के गीत संग्रह ऊर्ध्व रेता पर विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार शिवमूर्ति ने कहा कि डॉ. वीरेंद्र रससिद्ध गीतकार हैं। उनके गीतों में प्रकृति के अनुरूप आध्यात्मिकता का समावेश है। मुख्य अतिथि डॉ. अमिताभ त्रिपाठी 'अमित ने कहा कि डॉ. वीरेंद्र के गीतों में भक्ति और प्रेम का समन्वय है। डॉ. शारदा पांडेय ने डॉ. तिवारी को आध्यात्मिक चेतना का गीतकार बताया। संचालन कर रहे मुकुल मतवाला कहा कि वीरेंद्र के गीतों में सहज अनुभूति की अभिव्यक्ति है। शायर तलब जौनपुरी ने कहा कि गीतों में गीतों उदात्त भाव है। साहित्यकार रविनंदन सिंह ने गीत संग्रह के काव्य बिंब को रेखांकित किया। विवेक सत्यांशु, केपी गिरि, पारुल स...