बलिया, मई 12 -- नगरा, हिन्दुस्तान संवाद। नेपाल की सहकारी संस्था सरस्वती राजनारायण प्रतिष्ठान साहित्य संवर्धन समिति की ओर से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मानस मंथन एवं सम्मान समारोह में जिले के डॉ विद्यासागर उपाध्याय को 'याज्ञवल्क्य प्रज्ञा सम्मान से विभूषित किए जाने पर जनपद के विद्वत समाज में हर्ष व्याप्त है। बता दें कि यह आयोजन नेपाल के जनकपुर के रौनियार धर्मशाला पर बीते सात अप्रैल को आयोजित था। डॉ. उपाध्याय को यह सम्मान मानस मंथन के 'मानस में समाजिकता विषय पर व्याख्यान देने पर मिला है। डॉ विद्यासागर उपाध्याय ने बताया कि श्रीमद्भगवद्गीता और रामचरितमानस दोनों लोकप्रिय ग्रंथ हैं। अंतर यह है कि गीता मरना सिखाती है और मानस जीना। आदर्श जीवन कैसे जिया जाय, इसके लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श को मानस ने जन-जन तक पहुंचा दिया। मानस की सामाजिकता...