दरभंगा, मार्च 19 -- दरभंगा। मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामदेव झा की पुण्यतिथि पर विद्यापति सेवा संस्थान ने मंगलवार को उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि वे मैथिली साहित्य के ऐसे अनमोल हस्ताक्षर थे जिन्हें साहित्य अकादमी ने उनकी मूल कृति 'पसीझैत पाथर नाट्य संग्रह के लिए 1991 में, राजेंद्र सिंह बेदी की उर्दू में लिखी पुस्तक 'सगाई का मैथिली में अनुवाद के लिए 1994 में व बाल साहित्य के लिए 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा था। 50 से अधिक पुस्तकों के रचयिता डॉ. रामदेव झा राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित थे। उनपर आज भी संपूर्ण मिथिला को गुमान है। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं. कमलाकांत झा ने कहा कि वे मैथिली के प्रबुद्ध साहित्यकारों में से एक थे। उनकी दिव्य दृष्टि से मैथिली साहित्य का न स...