प्रयागराज, अगस्त 21 -- प्रयागराज। डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज ने अपने कुलगीत की रचना के लिए इच्छुक रचनाकारों से स्वरचित एवं मौलिक रचनाएं आमंत्रित की हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह पहल संस्थान की विशिष्ट पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूत करेगी। रचना के लिए कुछ विशेष दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। कुलगीत केवल हिंदी (देवनागरी लिपि) में, लयबद्ध और 50-55 सेकंड की समयावधि का होना चाहिए। इसमें विश्वविद्यालय का मोटो 'यान्ति न्याय प्रवृत्तस्य, न्याय एवं विधि की महत्ता, इलाहाबाद उच्च न्यायालय का महत्व, भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का योगदान तथा गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की विशेषता अनिवार्य रूप से शामिल होनी चाहिए। चयनित रचना को विश्वविद्यालय की समिति प्रमाणित करेगी और लेखक को प्रमाण पत्र...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.