गंगापार, जुलाई 6 -- एकात्म मानवतावाद के प्रतीक, भारतीय जनसंघ के संस्थापक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत आज भी रहस्यमय ही है। उनकी मौत का पर्दाफाश न हो पाना दुखद है। उक्त विचार भारतीय जनसंघ के संस्थापक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर मांडा मंडल द्वारा रविवार को मांडा ब्लॉक में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष यमुनापार राजेश शुक्ला ने व्यक्त किया। कहा कि जब 1953 में डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी बिना परमिशन काश्मीर जाने लगे, तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनको काफी रोका, लेकिन वे नहीं माने और काश्मीर चले गए। कश्मीर पहुंचते ही वे गिरफ्तार कर लिए गए और जेल में ही उनकी रहस्यमय दशा में मौत हो गई। उनकी मौत से आज तक परदा नहीं हट पाना काफी दुखद है। बताया कि आज उनके जन्मदिन पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण होना था, लेक...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.