नई दिल्ली, अप्रैल 29 -- सेवा का असली अर्थ होता है निस्वार्थ भाव से, बिना किसी लालच या अपेक्षा के, दूसरों की भलाई के लिए स्वयं को समर्पित कर देना। इस महान आदर्श को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाकर, वर्षों से बिना किसी फीस के आम जनता की सेवा कर रहे हैं प्रसिद्ध होमियोपैथी चिकित्सक, डॉ. भरत भूषण सिंह। उनका कार्य केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का जीवंत उदाहरण है। डॉ. सिंह न केवल चिकित्सा जगत में एक प्रेरणा हैं, बल्कि उन सभी के लिए उदाहरण हैं जो सेवा को अपना धर्म मानते हैं। उनकी यात्रा हमें यह सिखाती है कि सच्ची प्रतिष्ठा पद और पैसे से नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और संवेदना से मिलती है। डॉ. भरत भूषण सिंह जन्म सहरसा जिले के सोनवर्षाराज प्रखण्ड स्थित छोटे से गांव विराटपुर चंडीस्थान में हुआ। डॉ. भरत भूषण सिंह दो भाई एक बहन है। उनकी शि...