रांची, सितम्बर 6 -- रांची, वरीय संवाददाता। लेखक मयंक मुरारी के काव्य संग्रह 'शून्य की झील में प्रेम का लोकार्पण शब्दकार साहित्यिक समूह द्वारा प्रेस क्लब में शनिवार को किया गया। मयंक मुरारी की यह तीसरी काव्य पुस्तक है। इस अवसर पर उन्होंने अपनी रचना के बारे में बताते हुए कहा काव्य मन से परे की अनुभूति है। प्रेम अगर कर्म से जुड़ जाए तो सृजन बन जाता है। प्रेम अगर भक्ति से जुड़ जाए तो मुक्ति का रास्ता बन जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि कुमार बृजेंद्र ने की। उन्होंने काव्य संग्रह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेम साहित्य का सबसे पुरातन विषय है। मुख्य अतिथि अनुज सिन्हा ने कहा कि इतिहास व्यक्ति के पद को नहीं, लेखन को याद रखता है। आने वाली पीढ़ी प्रेम पत्र के बारे में जान ही नहीं पाएगी। ऐसे समय में प्रेम कविताओं पर पुस्तक आना बहुत ही सुख...