नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- इंफो::: भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर चीन-पाक की चुनौतियों को देखते हुए हवा में नजदीकी संघर्ष यानी डॉगफाइट की क्षमता आज भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी संदर्भ में रूस का उन्नत सुखोई-57 भारत के लिए एक मजबूत विकल्प बनकर उभरता है। रूस जहां इसे बिना शर्त तकनीक हस्तांतरण और स्थानीय उत्पादन की सुविधा के साथ देने को तैयार है, वहीं यह जेट डॉगफाइट क्षमताओं, मजबूत संरचना और कम रखरखाव लागत के मामले में अमेरिकी एफ-35 से काफी आगे माना जाता है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों से लेकर रेगिस्तानी इलाकों तक के लिए सुखोई-57 की ऑपरेशनल क्षमता बेहतर बताई जाती है। इस तरह समझें 1. मेंटेनेंस सुखोई-57 : लगभग 25 हजार डॉलर प्रति उड़ान खर्च एफ-35 : लगभग 40 हजार डॉलर प्रति उड़ान खर्च 2. डॉगफाइट सुखोई-57 : दो इंजन और थ्रीडी थ्रस्ट वेक्टरिंग के का...