नई दिल्ली, दिसम्बर 27 -- दिल्ली के एक जिला उपभोक्ता आयोग ने लापरवाही से इलाज के लिए दरियागंज स्थित एक नर्सिंग होम को 40 वर्षीय महिला को 20 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है। आयोग ने पाया कि नर्सिंग होम की एक डॉक्टर ने बिना सोच समझे और जटिलताओं का पता लगाए बिना महिला को अंधाधुंध दवाएं लिखीं जिससे वे अब गर्भधारण करने में अमसर्थ हैं। दरअसल महिला एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का सामना कर रही थीं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक डॉक्टर की लापरवाही के कारण गर्भधारण के लिए महत्वपूर्ण अंग फैलोपियन ट्यूब को भी बुरी तरह क्षति पहुंची। महिला का नाम समरीन है। समरीन ने नर्सिंग होम की डॉक्टर कुलजीत कौर गिल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। जिला उपभोक्ता आयोग ने 18 दिसंबर के अपने आदेश में पूरे मामले को 'हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी में अस्वीकार्य लापरवाही' करार दिय...