अररिया, जुलाई 7 -- कुर्साकांटा, अनिल झा। कुर्साकांटा पीएचसी को जब सीएचसी में अपग्रेड किया गया था तो क्षेत्र के लोगों को खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्हें लगने लगा था कि आधुनिक सुविधा से युक्त अस्पताल बनने से उन्हें एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिल जाएगी। नेपाल, बंगाल, पूर्णिया, फारबिसगंज आदि जगह जाने से पूरी तरह निजात मिल जाएगी। दो साल पूर्व छह करोड़ की लागत से निर्माण भी शुरू हुआ। लेकिन पता नहीं डेढ़ साल पूर्व से यह काम पूरी तरह बंद है। बिल्डिंग का निर्माणाधीन पोल लोगों का मुंह चिढ़ा रहा है। कुल मिलाकर छह से 30 बेड वाले अस्पताल बनने का सपना आज तक साकार नहीं हुआ। फिलहाल जर्जर पीएचसी भवन में मरीजों का इलाज हो रहा है। इस पुराने बिल्डिंग के छत का प्लास्टर टूट टूटकर नीचे गिर रहे हैं। बरसात में छत से कमरे में पानी टपकता है। कभी भी बड़ा हादसा भी हो ...
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