सीतामढ़ी, फरवरी 23 -- सूबे में वर्ष 2008 से लाइब्रेरियन या पुस्तकालध्यक्ष के पद पर बहाली नहीं हुई है। लाखों डिग्री या डिप्लोमाधारी अभ्यर्थी नौकरी के इंतजार में टकटकी लगाए हैं। स्कूल -कॉलेजों, पब्लिक लाइब्रेरियों में सभी पद खाली हैं। लाइब्रेरियन नहीं होने से पुस्तकालयों की व्यवस्था चरमरा गई है। शोधार्थी-विद्यार्थी एवं विद्वानों को अध्ययन में दिक्कत हो रही है। नियमित रखरखाव नहीं होने से प्राचीन पुस्तकों की विरासत खतरे में है। इसके बावजूद लाइब्रेरियन बहाली की पहल नहीं हो रही है। ये बातें कहते हुए लाइब्रेरियन एसोशिएशन के जिलाध्यक्ष शरद कुमार सिंह बताते हैं कि ऐसी स्थिति से ट्रेंड लाइब्रेरियन हताश हैं। उन्हें समय गुजरने के साथ लाइब्रेरियन बनने की निर्धारित उम्र सीमा बीतने का डर सता रहा है। ट्रेंड लाइब्रेरियन अभ्यर्थी मजबूरी में संगठन बनाकर आवा...